Chopta उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बसा हुआ है। पूरे गढ़वाल मंडल में पर्यटकों का ये सबसे पसंदीदा स्थल है। अलग-अलग मौसम में यहां अनेकों रंग देखने को मिलते हैं। मैं जब उत्तराखंड के श्रीनगर रहा करती थी तो अक्सर यहां आया-जाया करती थी। Chopta श्रीनगर से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्रीनगर स्थित यूनिवर्सिटी के स्टूडेंटस् के लिए चोपता easy to go place है। चलिए जानते हैं चोपता की खास बातें।

Chopta का मेरा अनुभव
Chopta का रुख मैनें दो मौसमों मे किया है, पहला बरसात और दूसरा सर्दी में। दोनों मौसमों में चोपता के अलग रंग देखने को मिले। पहली बार चोपता बरसात के मौसम में जाना हुआ। इस मौसम में यहां हल्की ठंड महसूस होती है। यहां हर तरफ घना कोहरा रहता है जो कि घटता- बढ़ता रहता है। यहां चारों तरफ सिर्फ बुग्याल देखने को मिलेंगे। पहाड़ों में बुग्याल उस तलहटी को बोला जाता है जहां अल्पाइन घास उगती है। यहां की सुंदरता इन्हीं बुग्यालों की वजह से और बढ़ जाती है।
बरसात में तुंगनाथ जाते वक्त पहली बार Chopta का दीदार हुआ। मौसम को ध्यान में रखते हुए हम पूरी तैयारी के साथ निकले थे। रेनकोट पहन कर भारी बारीश में हमने यहां की वादीयों का पूरा आनंद उठाया। Chopta में आपको हमेशा अलग- अलग राजयों से पर्यटकों की भीड़ मिलेगी। जब भी बारीश रुक रही थी तो हम बुग्याल की गीली घास पर ही लेट जा रहे थे और बादल भरे आसमान को निहार रहे थे। तस्वीरों में उन लम्हों को कैद कर पाना बहुत मुश्किल था। लेकिन फिर भी मैंने अपनी तरफ से यहां की खूबसूरती को कैद करने की कोशिश की।

दूसरी बार मेरा Chopta जाना सर्दी के मौसम में हुआ। सर्दीयों में यहां बहुत भारी बर्फ गिरती है। नए साल का जश्न और बर्फ का आनंद लेने हम फिर चल दिए चोपता। यहां का मौसम वैसे ही बहुत ही सर्द रहता है और सर्दी में तो क्या ही कहने। सर्दीयों के मौसम में यहां की सड़कों में बहुत ज्यादा फिसलन होती है। अगर आप यहां अपने वाहन से जाने का सोचें तो गती धीमीं ही रखें। तेज गती आपको मुसीबत में डाल सकती है। बर्फ में Chopta के हरे भरे बुग्याल सफेद चादर से ढक जाते हैं। जब उस सफेद चादर पे सूरज की किरणें पड़ती हैं तो सब कुछ सुनहरा दिखनें लगता है। जब मैनें अपनी आंखों से उस सुनहरी खूबसूरती को देखा तो पलकें झपकने का भी मन नहीं हुआ। हमनें वहां अच्छा खासा वक्त बीताया लेकिन अती ठड़ के कारण हम ज्यादा देर रुक नहीं पाए। हमनें वहां जितना भी वक्त बिताया आज भी आंखों में बसा हुआ है।
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वैसे तो चोपता को मिनी स्विट्जरलैंड़ भी कहा जाता है, लेकिन निजी तौर पर ये मुझे ठीक नहीं लगता। स्विट्जरलैंड़ की अपनी अलग खासियत है और चोपता की अपनी अलग। किसी भी हिल स्टेशन की किसी और हिल स्टेशन से तुलना करना मुझे ठीक नहीं लगता। यही वजह है कि मैंने चोपता के लिए कभी ‘मिनी स्विट्जरलैंड़’ का टर्म इसत्माल नहीं किया।
Chopta कब और कैसे जाएं?
Chopta जाने के लिए हर मौसम एक सही मौसम है। आप किसी भी मौसम में यहां जा सकते हैं। रही बात यहां पहुंचने की तो यहां पहुंचना बहुत आसान है। बस या ट्रेन के जरिये आप आसानी से ऋषिकेश पहुंच सकते है। ऋषिकेश से बस के जरीये रुद्रप्रयाग पहुंच कर चोपता के लिए मैक्स आसानी से मिल जएगी।
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